डॉ. रामबली मिश्र
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हरिहरपुरी की कुण्डलिया
योधा सहज कृपालु श्री, प्रिय रघुवर भगवान।
बढ़ते अत्याचार पर, सजग राम श्रीमान।।
सजग राम श्रीमान, बने जननायक आते।
पापी के संहार, हेतु संगठन बनाते।।
कहें मिसिर कविराय, राम शांत शिव बोधा।
हरने धरती भार, सदा आते बन योधा।।
Haaya meer
27-Dec-2022 08:02 PM
Well done
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Muskan khan
22-Dec-2022 07:46 PM
Nice 👌
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27-Dec-2022 08:02 PM
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Muskan khan
22-Dec-2022 07:46 PM
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